बस्तर के रण में शाह का सीधा संदेश: 'पुराने पैंतरे आजमा रहे नक्सली', जवानों को IED और स्माल एक्शन ग्रुप के खिलाफ तैयार रहने को कहा

नक्सलवाद बस्तर में खात्मे की ओर है फिर भी नक्सली अपनी मौजूदगी दर्ज कराने का मौका नहीं छोड़ रहे हैं। अब उन्होंने अपने पुराने पैंतरे अपनाने शुरू कर दिए हैं। फोर्स का मुठभेड़ में सामना नहीं कर पा रहे हैं तो अब छोटे ट्रैप लगाकर आईईडी से नुकसान पहुंचा रहे हैं। सोमवार को बीजापुर में जिस तरह से एक जवान पर नक्सलियों की स्माल एक्शन टीम ने हमला किया वह बताता है कि अब नक्सलियों के छोटे समूह आतंक मचाने के लिए सक्रिय हो चुके हैं।
अमित शाह ने बस्तर के 70 जवानों से मुलाकात की
इससे पहले भी बीजापुर जिले में कई हत्याएं नक्सलियों ने इसी पैटर्न पर की है। नक्सली ५ से ७ की संख्या में पहुंचते हैं और वारदात को अंजाम देकर भाग निकलते हैं। जिन गांवों में शांति कायम हो रही थी उन गांवों में ग्रामीणों की हत्या कर नक्सली एक बार फिर डर और भय का माहौल कायम कर रहे हैं। पिछले दिनों पूवर्ती में स्थापित फोर्स के कैंप के करीब ही एक ग्रामीण की मुखबिरी की शक में हत्या की गई थी। दूसरी तरफ दो दिन पहले बीजापुर में दो सरेंडर कर चुके पूर्व नक्सलियों को मारा गया था।
बीजापुर के ही पोद्दाकोरमा गांव में तांडव मचाते हुए आत्मसमर्पित नक्सली नेता समेत एक छात्र और दो अन्य की हत्या कर दी थी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को नया रायपुर के एक रिसॉर्ट में बस्तर के 70 जवानों से मुलाकात की। पहले उनसे बात की फिर उनके साथ लंच किया। डीआरजी, बस्तर फाइटर, एसटीएफ और कोबरा के ऐसे जवान जो अहम नक्सल ऑपरेशन में शामिल रहे हैं उनसे बात करते हुए उनके अब तक के अनुभव जाने।
फोर्स भी सावधानी से आगे बढ़ रही
इस दौरान शाह ने जवानों से कहा कि आने वाले महीने निर्णायक होंगे। निर्णायक प्रहार के लिए आप सभी तैयार हो जाएं। नक्सल मोर्चे पर आपने जो सफलता हासिल की है वह उल्लेखनीय है। अमित शाह ने कहा कि वे केंद्रीय सुरक्षा बलों, कोबरा टीम, छत्तीसगढ़ पुलिस बल और डीआरजी के साहस, शौर्य, बलिदान और समर्पण को नमन करते हैं और विश्वास है कि सुरक्षा बल के जवान अपने शौर्य और परिश्रम से आगे और सफलता प्राप्त करेंगे। बस्तर के जवानों ने विश्व के सभी सुरक्षा बलों को आश्चर्यचकित कर दिया है। उन्होंने कहा कि मुझे मालूम है कि सेना के जवान जो तय करते हैं, वो हासिल करते हैं।
सुरक्षा बलों के इसी भरोसे से मैं देश में 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद के खात्मे का ऐलान करता हूं।
फोर्स अलर्ट पर, कैंपों के आसपास सुरक्षा बढ़ी: पिछले दस दिनों में नक्सलियों ने जिस तरह से अपनी रणनीति बदली है उसके बाद फोर्स भी अलर्ट पर है। कोंटा में एएसपी आकाश राव के शहीद होने के बाद एसओपी का पालन में भी चूक नहीं होने के निर्देश जारी किए गए हैं। इसके अलावा जवानों को कैंप से बाहर तभी निकलने के लिए कहा गया है जब उनके साथ पार्टी हो। सर्चिंग पर जाने वाले जवानों के लिए लगातार एडवाइजरी जारी हो रही है। आने वाले छह महीने नक्सल मोर्चे पर अहम हैं इसलिए फोर्स भी सावधानी से आगे बढ़ रही है।
हत्याएं बढ़ीं इसलिए गांवों में दहशत का माहौल
बीजापुर जिले में सबसे ज्यादा वारदात को नक्सलियों ने अंजाम दिया है। जिले के गांवों में दहशत का माहौल है। शाम के वक्त ग्रामीण बाहर नहीं निकल रहे हैं। कैंप के करीब के गांवों में भी दहशत दिख रही है क्योंकि नक्सलियों के कैंप के आसपास के गांवों को भी टारगेट करते हुए ग्रामीणों की हत्या की है। नक्सली ऐसी वारदातों के जरिए सिर्फ अपनी मौजदूगी दर्ज करवाने की कोशिश कर रहे हैं।
आईईडी का खतरा बरकरार
बस्तर में अब भी कई ऐसी सड़कें हैं जिनके नीचे नक्सलियों ने आईईडी दबा रखी है। वे समय-समय पर ऐसी ही आईईडी का इस्तेमाल कर फोर्स को बड़ा नुकसान पहुंचाते रहे हैं। इसी साल जनवरी में बीजापुर के कटरू में बीच सड़क आईईडी ब्लास्ट हुआ था। जिसमें आठ डीआरजी जवान शहीद हुए थे।
इसके बाद बीजापुर के ही भोपालपट्टनम के पास एनएप पर नक्सलियों ने ब्लास्ट किया था हालांकि यहां जवान बाल-बाल बचे थे। नक्सली जानते हैं कि फोर्स अब तक आईईडी का तोड़ नहीं निकाल पाई है इसलिए वे इसका इस्तेमाल लगातार कर रहे हैं। फोर्स अभी तीन मीटर नीचे दबी आईईडी ही ढूंढ पाने में सक्षम है। इससे नीचे की आईईडी डिटेक्ट करने के संसाधन बस्तर में फोर्स के पास नहीं हैं।
इस महीने हुई वारदातें
8 जून को पूवर्ती में मुखिबिरी के शक में एक को मारा
9 जून को कोंटा में एएसपी आईईडी ब्लास्ट में शहीद हुए
17 जून बीजापुर के पोद्दाकोरमा में तीन ग्रामीणों की हत्या
22 जून बीजापुर के सेंड्राबोर में दो ग्रामीणों की हत्या
23 जून बीजापुर के पदेड़ा में आरक्षक पर जानलेवा हमला