साइबर ठगों के चंगुल में फंसे रिटायर्ड अधिकारी, 49 लाख गंवाए; पुलिस ने पकड़े चार आरोपी
एयरफोर्स से रिटायर्ड अधिकारी के साथ 49 लाख रुपये की ठगी करने के मामले में चार आरोपियों को साइबर पुलिस ने गिरफ्तार किया है. उनके कब्जे से मोबाइल फोन, सिम कार्ड और कुछ बैंक खातों में जमा 2 लाख रुपये को फ्रीज कराया गया. उत्तर पूर्वी दिल्ली के डीसीपी आशीष मिश्रा ने बताया कि शिकायतकर्ता उमेश कुमार शर्मा को एक अज्ञात नंबर से व्हॉट्सऐप पर एक मैसेज मिला. उसने कंगना शर्मा नाम की महिला बताकर खुद को एक निवेश सलाहकार बताया और एक हाई-प्रोफाइल निवेश योजना से जुड़ने को कहा.
इसके बाद आरोपी ने लिंक साझा किया, जिससे जिससे शिकायतकर्ता ने खाता बनाया और धीरे-धीरे 49,28,571 रुपये निवेश के नाम पर उमेश शर्मा और उनके पिता के बैंक खातों से ठग ली गई. जब उसने पैसा वापस निरालने की कोशिश की तो तकनीकी बहाने बनाकर और पैसे डालने के लिए दबाव डाला गया. आरोपियों ने यह भी कहा कि रकम जमा न करने पर खाता फ्रीज कर दिया जाएगा और रकम जब्त हो जाएगी. ठगी का शक होने पर पीड़ित ने NCRP पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई.
आनंद विहार से किया गिरफ्तार
डीसीपी ने आगे बताया, शिकायत दर्ज कर घटना की जांच शुरू की गई और मामले की गंभीरता को देखते हुए इंस्पेक्टर राहुल कुमार की अगुवाई में एक विशेष टीम का गठन किया गया. टीम ने तकनीकी विश्लेषण, बैंकिंग ट्रेल और जियो-लोकेशन के माध्यम से जांच को अंजाम दिया और खातों की ट्रैकिंग कर करीब 2 लाख रुपये फ्रीज कराए. इसके बाद आनंद विहार बस अड्डे के पास से गिरोह के चार सदस्यों को धर दबोचा. उनकी पहचान अमित कुमार (35), निवासी गोकलपुरी, उजैर अब्बासी (28) निवासी संगम विहार, मो. हमीद (33), रघुबीर नगर, दिल्ली और अली शेर सैफी (45), निवासी दादरी, गौतम बुद्ध नगर के रूप में की गई.
कई खातों में ट्रांसफर कराते थे रकम
इनके पास से चार मोबाइल फोन और पांच सिम कार्ड बरामद किए गए हैं. पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया कि वे फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अलग-अलग नामों से देशभर में बैंक खाते खुलवाते थे. फिर साइबर ठगी की रकम इन खातों में ट्रांसफर करवाई जाती थी. इस काम के बदले उन्हें मोटा कमीशन मिलता था. पुलिस का कहना है कि इन आरोपियों की संलिप्तता अन्य साइबर अपराधों में भी हो सकती है. आगे की जांच जारी है.