हरदा। कला संवाद फाउंडेशन के तत्वावधान में 27 अप्रैल को जी.पी. मॉल में ‘हुनरबाज़ ओपन स्टेज’ का भव्य आयोजन किया गया। तीन वर्षों बाद लौटे इस अनूठे कार्यक्रम में 30 से अधिक कलाकारों ने नृत्य, गायन, कविता, कहानी, शायरी और जैमिंग जैसी विविध विधाओं में अपनी प्रस्तुतियाँ दीं। यह मंच विशेष रूप से उन कलाकारों के लिए तैयार किया गया था जो बिना किसी प्रतियोगिता या जजमेंट के, केवल अपनी कला को खुलकर प्रस्तुत करना चाहते हैं।

कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य हरदा और आसपास के क्षेत्रों के नए और छिपे हुए टैलेंट को एक ऐसा मंच प्रदान करना था, जहां वे आत्मविश्वास के साथ अपनी कला का प्रदर्शन कर सकें और कला प्रेमियों से सीधा जुड़ाव बना सकें। कार्यक्रम को सफल बनाने में कला संवाद फाउंडेशन की टीम, वॉलेंटियर्स, अलाइव डांस सेंटर का विशेष योगदान रहा।

पहली बार स्टैंड-अप कॉमेडी और लाइव पेंटिंग
'हुनरबाज़' कार्यक्रम की खासियत रही कि हरदा में पहली बार स्टैंड-अप कॉमेडी का आयोजन हुआ। भोपाल से आए कलाकार सत्यम गुरु ने अपनी शानदार कॉमिक टाइमिंग से दर्शकों को खूब हंसाया। वहीं, आर्ट गैलरी में नितेश ठाकुर और अनंत तारे ने लाइव पेंटिंग बनाकर दर्शकों को कला की एक अलग झलक दिखाई।

संविधान पर नृत्य प्रस्तुतियाँ और सामाजिक संदेश
बंगाली कॉलोनी के छोटे-छोटे बच्चों ने ‘संविधान’ जैसे सामाजिक संदेश वाले गीतों पर नृत्य प्रस्तुत कर कार्यक्रम में सकारात्मक ऊर्जा का संचार किया। कुछ प्रस्तुतियों में जीवन में संघर्ष, सफलता और उम्मीद जैसे महत्वपूर्ण विषयों को भी खूबसूरती से प्रस्तुत किया गया।

नई प्रतिभाओं को मिला मंच
कई कलाकारों ने पहली बार मंच पर प्रस्तुति दी। आरंभ में घबराए हुए ये कलाकार, दर्शकों के उत्साहवर्धन और सकारात्मक वातावरण के चलते आत्मविश्वास से भर गए और बेहतरीन प्रस्तुति दी।

आयोजन में नहीं थी कोई प्रतिस्पर्धा
'हुनरबाज़' की सबसे बड़ी खासियत रही कि यहाँ कोई जज नहीं थे, न कोई हार थी, न जीत—सिर्फ कला और उसे सराहने वाले दर्शक थे। कार्यक्रम में होस्ट की भूमिका आशुतोष भल्लवी और अदिति शर्मा ने निभाई। युवाओं ने कार्यक्रम के अंत में जैमिंग करके दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

अब हर महीने होगा हुनरबाज़
दर्शकों और प्रतिभागियों की शानदार प्रतिक्रिया के बाद निर्णय लिया गया कि अब ‘हुनरबाज़ ओपन स्टेज’ हर महीने के अंतिम रविवार को आयोजित किया जाएगा। अगला हुनरबाज़ कार्यक्रम 25 मई 2025 को होगा। यदि इस पहल को सही समर्थन मिला, तो भविष्य में इसे और बड़े स्तर पर आयोजित किया जाएगा, जिससे कलाकारों को मंच के साथ-साथ संभावित रोजगार के अवसर भी मिल सकेंगे।