गोंदागांव गंगेश्वरी मठ ट्रस्ट समिति को डेढ़ करोड़ से अधिक की आय
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हरदा । क्षेत्र के प्रभावशाली मठों में से एक गोंदागांव गंगेश्वरी मठ के आधिपत्य की कृषि भूमि कि आज खोट नीलामी टिमरनी अनुविभागीय अधिकारी के कार्यालय में संपन्न हुई। नवीन गठित न्यास समिति के पदाधिकारी सदस्यों ,पदेन सदस्य तहसीलदार राजस्व एवं ग्रामीणों के समक्ष पारदर्शिता के साथ 270 एकड़ कृषि भूमि का नीलामी कार्य संपन्न हुआ जिसमें एक सैंकड़ा से अधिक लोग मौजूद रहे। 32 बोलीकर्ताओं ने बोलियां लगाई, 270 एकड़ नीलामी भूमि के के अंतर्गत 10 रकबो की खुली नीलामी हुई जिससे गोंदागांव गंगेश्वरी मठ ट्रस्ट समिति को डेढ़ करोड़ से अधिक की आय हुई। ज्ञात हो कि पूर्व में रहे मठाधीशो और दलालों दबंगों के बीच की सांठघाट के चलते महज 15 से 20 लाख में ही फौरी तौर पर नीलामी की जाती रही जिससे मठ ट्रस्ट को नाम मात्र की आय होती थी ।करोड़ों का भ्रष्टाचार कुछ लालची मठाधीशों ने किया जिसका दुष्परिणाम यह रहा की यह मठ अपने अस्तित्व को लगातार खोता जा रहा था ।यह प्राचीन मठ देश मे अपनी एक अलग पहचान रखता है। इसका प्रभाव इतना अधिक था कि इंदौर के होल्कर राजाओं ने सैकडों एकड़ भूमि मठ में दान देते हुए राजस्व वसूली का अधिकार भी दिया था। वहीं सिंधियाराज घराने ने भी इन्हें विंध्यवासिनी देवी दरबार का अधिकार व भूमि प्रदान की थी। जिसका संचालन व रखरखाव का जिम्मा भी इस मठ के पास हुआ करता था। लेकिन अयोग्य मठाधीशों के कारण इस मठ से लगी हुई सैकड़ों एकड़ भूमि भी मठाधीशों ने खुर्द बुर्द दी। कुछ रसूखदार व दबंगों ने मठ की कुछ भूमि पर कब्जा कर रखा हैं। जिसके कारण वर्तमान समय में इस मठ की आर्थिक स्थिति अत्यंत दयनीय बनी हुई हैं।आस्था का केंद्र है त्रिवेणी संगम।
यह गोदागांव गंगेश्वरी मठ क्षेत्र की तीन नदियां गोमती, गंजाल एवं नर्मदा का संगम स्थल है। इसलिए यहां पर प्रतिदिन व विभिन्न धार्मिक तिथियों पर स्नान करने वालों की विशाल भीड़ बनी रहती है। वहीं मठ में निर्मित साधु संतों की समाधियां भी सभी श्रद्वालुओं के लिए आस्था का केंद्र बनी हुई है। गोंदागाव के प्राचीन श्री गंगेश्वरी मठ की भूमि से राजस्व विभाग द्वारा अतिक्रमण हटाया गया।
मठ के पहले महंत स्वामी अमृतानंद भारती ने जीवित समाधि ली थी जिनकी धूनी आज भी सतत रूप से प्रज्वलित है। वर्तमान महंत श्री विष्णु भारती है, जिनसे इस मठ की अकेले देखरेख नहीं हो पा रही थी, इसलिए उन्होने स्वेच्छा से न्यासियों की नवीन समिति बनायी है। जिनके समक्ष आज विधिवत नीलामी कार्य सम्पन्न हुआ।ग्रामीणों ने हर्ष व्यक्त करते हुए बताया कि ट्रस्ट की नवीन गठित समिति के सहयोग से मठ को करोड़ो का नुकसान होने बचा है,इस मठ का अस्तित्व खोने से बच गया।अब मठ क्षेत्र धरोहर का सर्वांगीण विकास होगा और इसकी प्रसिद्धि में चार चांद लग जाएंगे।ग्रामीणों ने राजस्व अधिकारियों,न्यास समिति की प्रशंसा की।नीलामी के दौरान ट्रस्ट के पदेन सदस्य तहसीलदार प्रमेश जैन,न्यास समिति अध्यक्ष डॉ विवेक भुस्कुटे,उपाध्यक्ष श्री गोविंद गिरी महाराज,सचिव सुजीत शर्मा,सहायक सचिव रामवीर व्यास ,नपाध्यक्ष देवेंद्र भारद्वाज सहित हल्का पटवारी मौजूद रहे।