आनंद गौर हरदा । शासकीय स्नातक महाविद्यालय, टिमरनी में दिनांक 1 जुलाई से 3 जुलाई 2025 तक तीन दिवसीय दीक्षा आरंभ एवं प्रवेश उत्सव कार्यक्रम का आयोजन हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ।

कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती पूजन से किया गया। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अरुण कुमार सिकरवार ने नवप्रवेशित विद्यार्थियों का तिलक लगाकर अभिनंदन किया एवं अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि “इस धरा पर जहां शिक्षा से संस्कार और संस्कृति का होता विस्तार”। उन्होंने विद्यार्थियों को एइडीपी पाठ्यक्रम, मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना सहित शासन द्वारा संचालित अन्य योजनाओं की जानकारी देते हुए अध्ययन-अध्यापन में सक्रिय भागीदारी का आह्वान किया।

प्रथम दिवस के प्रमुख वक्ता डॉ. सुनील कुमार बोरसी ने विज्ञान संकाय की उपयोगिता और अवसरों को विस्तार से समझाया। कला संकाय प्रभारी डॉ. संजय पटवा ने विद्यार्थियों को सनातन परंपरा से जोड़ते हुए शिक्षा में उपलब्ध अवसरों पर विचार साझा किए। सूची  मीनाक्षी यादव ने विद्यार्थियों को सोशल मीडिया के सुरक्षित एवं सकारात्मक उपयोग की जानकारी दी, वहीं ग्रंथपाल  कल्पना अग्रवाल ने पुस्तकालय के अधिकतम उपयोग की अपील की।

द्वितीय दिवस पर महाविद्यालय के सभी प्राध्यापकों ने विषयवार विभागों, पाठ्यक्रमों और शासन की योजनाओं से विद्यार्थियों को अवगत कराया। विद्यार्थियों ने पठन-पाठन व्यवस्था एवं महाविद्यालय के वातावरण को समझा और अपने संदेहों का समाधान किया।

तृतीय दिवस दिनांक 3 जुलाई को प्राचार्य डॉ. अरुण कुमार सिकरवार ने विद्यार्थियों और स्टाफ का अभिनंदन करते हुए वाणिज्य संकाय प्रभारी डॉ. पंकज खैरनार से महाविद्यालय की वेबसाइट का परिचय दिलवाया ताकि विद्यार्थी डिजिटल सुविधाओं का अधिकतम लाभ ले सकें। इसके उपरांत प्राचार्य, समस्त प्राध्यापकों एवं विद्यार्थियों ने महाविद्यालय परिसर के विभिन्न शैक्षणिक प्रगतिविधियों, विभागों, कक्षा-कक्षों, कंप्यूटर लैब आदि का भ्रमण कर विद्यार्थियों को महाविद्यालय की सम्पूर्ण कार्यप्रणाली से प्रत्यक्ष रूप से अवगत कराया।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. सुनीत काशिव ने प्रभावी ढंग से किया एवं आभार प्रदर्शन डॉ. संजीत कुमार सोनी ने व्यक्त किया। राष्ट्रगान के साथ तीन दिवसीय दीक्षा आरंभ एवं प्रवेश उत्सव का सफल समापन हुआ। नवप्रवेशित विद्यार्थियों सहित महाविद्यालय का संपूर्ण स्टाफ उपस्थित रहा, जिससे यह आयोजन पूर्णतः उद्देश्यपूर्ण एवं प्रेरक सिद्ध हुआ।