नई दिल्ली : कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने नई दिल्ली में देश के विभिन्न राज्यों के प्रमुख व्यापारी नेताओं की एक राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस बुलायी गई. जिसके बाद भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, "अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (CAIT) के नेतृत्व में आज दिल्ली में व्यापारी नेताओं का एक सम्मेलन हुआ है, जिसमें तुर्की और अजरबैजान के साथ किसी भी प्रकार के व्यापार को समाप्त करने का सामूहिक निर्णय लिया गया है. निर्णय लेने की वजह स्पष्ट है कि तुर्की और अजरबैजान ने भारत के खिलाफ खुलकर पाकिस्तान का समर्थन किया. किसी भी प्रकार का आयात और निर्यात तुर्की और अजरबैजान के साथ तुरंत प्रभाव से नहीं होगा.

देश के व्यापारी देश के साथ एकजुटता के साथ खड़े : पूरे देश के साथ व्यापारी भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एकजुट होकर खड़े हैं. कॉन्फ्रेंस में भारत की सेनाओं के शौर्य एवं पराक्रम के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए देश भर में तिरंगा यात्रा का आयोजन एवं ई कॉमर्स कंपनियों द्वारा भारत के व्यापार की हड़पने के ख़िलाफ़ भी बड़े निर्णय लिए जाएंगे.

सम्मेलन में फिल्म इंडस्ट्री से भी सहयोग की अपील : भारत की फिल्म इंडस्ट्री से भी यह आग्रह किया गया है कि वे तुर्की और अजरबैजान में अपनी किसी भी फिल्म की शूटिंग ना करें. बहुत सारी कंपनियां अपने उत्पाद के प्रचार की वहां शूटिंग भी करती हैं. यदि कोई कंपनी अपने उत्पाद के प्रचार के लिए तुर्की और अजरबैजान में शूटिंग करेगी तो हम उसका भी बहिष्कार करेंगे."

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने दी जानकारी :कैट के राष्ट्रीय महामंत्री एवं दिल्ली के चांदनी चौक से सांसद प्रवीन खंडेलवाल बताया कि जानकारी के मुताबिक अप्रैल 2024 से लेकर फरवरी 2025 के अप्रैल के बीच भारत का तुर्की को निर्यात 5.2 अरब अमेरिकी डॉलर रहा, जबकि 2023-24 में यह आंकड़ा 6.65 अरब अमेरिकी डॉलर था. जबकि इसी अवधि में भारत का तुर्की से आयात 2.84 अरब अमेरिकी डॉलर रहा, जो 2023-24 में 3.78 अरब अमेरिकी डॉलर था. इसी प्रकार इसी अवधि में अज़रबैजान को भारत का निर्यात केवल 86.07 मिलियन अमेरिकी डॉलर रहा, जबकि 2023-24 में यह 89.67 मिलियन अमेरिकी डॉलर था. दूसरी तरफ़ अज़रबैजान से भारत का आयात इसी समय के दौरान केवल 1.93 मिलियन अमेरिकी डॉलर रहा, जो 2023-24 में 0.74 मिलियन अमेरिकी डॉलर था.

तुर्की और अज़रबैजान से व्यापार बहिष्कार पर हुआ फैसला : कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया ने बताया कि भारत से तुर्की को रिफाइंड पेट्रोलियम, मोटर व्हीकल्स और पार्ट्स, स्टील, कैमिकल्स, दवाएं, कीमती पत्थर और वस्त्र सहित कई प्रमुख वस्तुएं निर्यात होती हैं जबकि तुर्की से भारत को कच्चा पेट्रोलियम,मशीनरी, मार्बल, गोल्ड, फल, प्लास्टिक और वस्त्र आयात होते हैं.भारत से अज़रबैजान को तंबाकू, इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीनरी, दवाएं, सिरेमिक उत्पाद, अनाज आदि निर्यात होते हैं जबकि अज़रबैजान से भारत को प्रमुख रूप से खनिज तेल, केमिकल्स, कच्ची खालें, एल्यूमिनियम और कॉटन आदि आयात होते हैं.

दोनो देशों को भारत के खिलाफ खड़े होने की चुकानी होगी कीमत :सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि व्यापारिक बहिष्कार के परिणामस्वरूप तुर्की को निर्यात में अरबों डॉलर के नुकसान के साथ-साथ घरेलू उद्योगों, जैसे स्टोन और माइनिंग, फर्नीचर, वस्त्र, और खाद्य प्रसंस्करण पर बड़ा असर होगा. उन्होंने स्पष्ट कहा कि इन दोनों देशों का भारत के साथ व्यापार उनके लिए लाभकारी है और भारतीय व्यापारी और उद्योगपति सामूहिक रूप से इन देशों का व्यापारिक बहिष्कार कर रहे हैं, तो यह उन्हें आर्थिक रूप से झकझोर देगा और उन्हें भारत के खिलाफ खड़े होने का नुकसान झेलना पड़ा.