सोने से पहले कॉन्स्टेबल पढ़ेंगे रामचरितमानस, मध्य प्रदेश ADG के फरमान पर सवाल

भोपाल: 2023 में बीजेपी सरकार में स्कूलों में रामचरित मानस का पाठ पढ़ाने का एलान हुआ था. अब मध्य प्रदेश पुलिस ने अपने रंगरूटों यानि नए चयनित जवानों को रामचरितमानस का पाठ पढ़ाने का फरमान जारी किया है. फरमान जारी होने के घंटेभर के अंदर ही इस निर्णय पर सवाल उठने लगे हैं. मध्य प्रदेश में पुलिस रामचरितमानस में भगवान राम के 14 वर्ष के वनवास का हिस्सा पढ़ाने के साथ रंगरूटों को ये सिखाना चाहती है कि घर से दूरी कई बार क्यों जरुरी हो जाती है.
एक तरीके से रामचरितमानस का पाठ भी पुलिस भर्ती की ट्रेनिंग का हिस्सा है. कांग्रेस मध्य प्रदेश पुलिस के इस निर्देश को गैर संवैधानिक बता चुकी है. तो जमीअत ए उलेमा संगठन ने सुझाव दे दिया है कि अगर पुलिस वालों को धार्मिक ग्रंथ पढ़ाना ही है तो, फिर बाकी धर्म ग्रंथ भी इस ट्रेनिंग में शामिल किये जाएं.
रामचरितमानस का ये पाठ भी ट्रेनिंग का हिस्सा
मध्य प्रदेश में पुलिस की नौकरी में भर्ती के लिए आरक्षक अब बाकी फिजीकल और मेंटल ट्रेनिंग के साथ प्रतिदिन रामचरितमानस का पाठ भी करेंगे. यह उनकी ट्रेनिंग का ही हिस्सा होगी. इसके पीछे वजह ये बताई गई है कि ट्रेनिंग के दौरान ये पाठ उन्हें परिवार से दूर रहने पर भी आत्मबल देगा. जब भगवान होकर श्रीराम 14 वर्ष वनों में गुजार सकते हैं, तो ये चंद दिनों की ट्रेनिंग क्या मुश्किल है.
पुलिस के जवानों को भगवान श्री राम के चरित्र से इसलिए भी सीखने की सलाह दी है ताकि घर से दूर रहकर भी अपने जीवन को सशक्त सार्थक करें और नए दौर की अपराधों से निपटने के लिए हर विधा में मजबूती से पारंगत हो सके. जिस तरह भगवान श्रीराम ने 14 साल के वनवास के दौरान नए वातावरण में खुद को ढाल कर और युद्ध रणनीति में पारंगत होकर युद्ध जीता था. उन्होंने सांसद और अभिनेता अरुण गोविल को भी इस पहल के समर्थन के लिए धन्यवाद दिया है. जिन्होंने कहा कहा कि रामचरितमानस केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं एक सोशल गाइड है."