नुक्कड़ नाटक के माध्यम से ग्रामीणों में पेड़ों को ना काटने एवं ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने हेतु किया जागरूकता

हरदा । प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस स्वामी विवेकानंद शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय हरदा के
राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई का सात दिवसीय विशेष आवासीय शिविर, ग्राम खिड़कीवाला में रखी गई है।
शिविर के चौथे दिवस में राष्ट्रीय सेवा योजना के छात्र-छात्राओं द्वारा शासकीय प्राथमिक विद्यालय खिड़की वाला के स्थित प्रांगण में ग्रामीणों के बीच उपस्थित होकर नुक्कड़ नाटक के माध्यम से पेड़ों को ना काटने और पेड़ों का महत्व एवं ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने के विषय में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से ग्रामीणों में जागरूकता फैलाई गई। गांव में रैली निकालकर स्वास्थ्य, जन स्वच्छता एवं व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए जन जागरूकता संदेश दिया गया।
आज शिविर के चतुर्थ दिवस के बौद्धिक सत्र में महाविद्यालय से डॉ. राकेश परस्ते, डॉ. अंजलि गुप्ता, डॉ. चंद्रकिशोर लोखंडे, डॉ. बृजेश शाक्यवार एवं डॉ राहुल सराठे ने स्वयंसेवकों को राष्ट्रीय सेवा योजना के थीम मेरा भारत युवा के लिए तथा डिजिटल साक्षरता युवा के लिए के बारे में सभी ने अपने वक्तव्यों के माध्यम से स्वयं सेवकों को संबोधित किए। डॉ चंद्रकिशोर लोखंडे ने स्वयं सेवकों को ग्रामीणों के बीच उपस्थित होकर जन जागरूकता के लिए प्रेरित किया। डॉ बृजेश शाक्यवार ने स्वयंसेवकों को राष्ट्रीय सेवा योजना के उद्देश्य एवं महत्व पर प्रकाश डालते हुए समाज सेवा करने के लिए प्रेरित किया। डॉ. अंजलि गुप्ता ने स्वयं सेवकों में एक टीम भावना, अनुशासन एवं व्यक्तित्व विकास पर विस्तृत जानकारी प्रदान की।
डॉ. राकेश परस्ते ने राष्ट्रीय सेवा योजना के मुख्य थीम डिजिटल साक्षरता, युवाओं की भागीदारी, व्यक्तित्व विकास, जन स्वच्छता, स्वास्थ्य एवं सफलता के बारे में स्वयंसेवकों को व्याख्यान देते हुए कहा कि डिजिटल युग के इस दौर में हमें अत्यंत ही सजग, सतर्क और जागरूक रहने की जरूरत है। जहां एक ओर ऑनलाइन प्लेटफार्म हमारे लिए सुविधाएं प्रदान करता है वहीं दूसरे तरफ इससे बहुत खतरा भी है। डॉ. परस्ते ने उदाहरण देते हुए बताया कि कोई भी सोशल मीडिया अकाउंट हो उसे टू स्टेप अथेंटीफिकेशन अवश्य करके रखें, किसी भी संदेह वाले लिंक, लोन प्रलोभन वाले लिंक को कभी भी ओपन नहीं करें और कभी भी अपनी गोपनीय जानकारी जैसे एटीएम के पासवर्ड, ओटीपी किसी को भी न दें। स्वयं सेवकों को साइबर अपराध से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपायों को बताते हुए साइबर अपराध से बचने के बारे में हमें अपने परिवार वालों को, समाज को और ग्रामीणों की मदद करना चाहिए क्योंकि साइबर अपराधी विशेषकर ग्रामीणों को आसानी से चंगुल में फंसाते हैं इसलिए हमारी जिम्मेदारी है कि हमें स्वयं भी सतर्क और सहज रहना चाहिए और ग्रामीणों को जागरूक करना चाहिए। डिजिटल साक्षरता के अलावा स्वयंसेवकों ने उद्यमी कैसे बने, लक्ष्य पर फोकस कैसे करे, सफल व्यक्तित्व कैसे बने एवं समय प्रबंधन जैसे विषयों पर सवाल पूछे गए जिनका उत्तर डॉ परस्ते ने विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करते हुए सभी सवालों के जवाब दिया गया और अंत में सभी स्वयंसेवकों को उनके द्वारा किए जा रहे समस्त गतिविधियों के लिए बधाई दी और अपने स्वरचित कविता "जीत" जिसकी कुछ पंक्तियां -
जिंदगी की राहों में कभी थकना नहीं,अकेले ही चलते रहना है, कभी रुकना नहीं ।आयेंगे हर मोड़ में मुसीबत तुम्हे झुकाने को पर तुम कभी झुकना नहीं ।यूं ही कदम बढ़ाते रहना, कभी पीछे मुड़ना नहीं ।विश्वास खुद पे रख, जीत तेरी होगी बस लक्ष्य से कभी भटकना नही । उक्त कविता का वाचन करते हुए सभी को जीवन में सफल होने, अच्छे नागरिक बनने, अपनी क्षमताओं को पहचानने, राष्ट्र, समाज, परिवार, ग्रामीणजन एवं हर जरूरत मंद लोगों की सेवा करने के लिए प्रेरित, प्रोत्साहित एवं मार्गदर्शित किया। बौद्धिक सत्र के अंत में छात्रा इकाई के प्रभारी डॉ. आशा गायकवाड ने आभार व्यक्त किया और आगामी दिवसों के गतिविधियों के बारे में स्वयंसेवकों को जानकारी दी। स्वयंसेवकों ने पिट्टू खेल का भी आनंद लिया।