हरदा । सिराली सरकार द्वारा स्कूली बच्चों को प्रकृति का अनुभव, वृक्षों की पहचान और वन्य प्राणियों के संरक्षण तथा वनों को बचाने की प्रेरणा के लिए हर वर्ष वन विभाग की ओर आयोजन किया जाता है। जिससे विद्यार्थियों के मन में प्रकृक्ति एवं पर्यावरण से रूबरू होने का अनुभव प्राप्त हो और पर्यावरण एवं वन्य प्राणियों के प्रति संवेदना जागृत हो सके। आज वन परिक्षेत्र मकड़ाई में वन विभाग ने भी स्कूली बच्चों को ले जाकर वन में अनुभूति कार्यक्रम का आयोजन किया। स्कूली विद्यार्थियो को वन, वन्यजीवों एवं पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक किए जाने के उद्देश्य से मध्य प्रदेश इको पर्यटन बोर्ड द्वारा आयोजित प्रशिक्षण प्रचार सह जागरूकता शिविर अंतर्गत द्वितीय अनुभूति कार्यक्रम का आयोजन किया गया। शिविर में वनमंडल अधिकारी अनिल चोपडा, ओमप्रकाश बिडारे उप वनमंडल अधिकारी दक्षिण हरदा, राजेन्द्र प्रसाद परते अधिकारी मकडाई, नगर अध्यक्ष सिराली श्रीमति परिक्षेत्र परिसद अनिता कैलाशचंद्र अग्रवाल, नगर पंचायत सिराली पार्षद मेहराज खान, पंकज गुप्ता, मंडल अध्यक्ष अनिल राजपूत, राहुल शाह सरपंच ग्राम पंचायत खुदिया एवं परिक्षेत्र का समस्त स्टाफ उपस्थित रहा। अनुभूति शिविर में शासकीय हाई स्कूल सिराली के 120 छात्र-छात्राएं एवं 7 शिक्षक-शिक्षिकाएं सम्मिलित हुए।उपवनमंडल अधिकारी एवं परिक्षेत्र अधिकारी मकडाई द्वारा वन वन्यजीव एवं पर्यावरण संरक्षण और लाईफमिशन से संबंधित जानकारी दी गई। अनुभूति मास्टर ट्रेनर और प्रेरक हरिओम सोलंकी वनरक्षक एवं अन्य प्रेरकों के द्वारा अनुभूति थीम मैं भी बाघ एवं हम हैं बदलाव की जानकारी दी। पारिस्थितिक तंत्र में वन वन्यजीव और पर्यावरण संरक्षण के महत्व, विभिन्न जीव-जंतुओं के मध्य पारस्परिक संबंध को समझाया गया। अनुभूति प्रक्ति पथ भ्रमण के दौरान विभिन्न वृक्षों की पहचान, वन्यजीव एवं उनके साक्ष्यों की पहचान, मृग एवं हिरण प्रजाति में अंतर, दीमक की बामी लाइफ मिशन के तहत पर्यावरण के संरक्षण में अपनी दैनिक कार्यों की आदतों में छोटे छोटे बदलाव कर कर्तव्य के महत्व को बहुत सरल तरीके से बच्चों को समझाया। संरक्षण, शिक्षण अंतर्गत खाद्य जाल, पक्षियों के माइग्रेशन में व्यवधान आदि खेलों के माध्यम से रोचक ढंग से समझाया गया। बिना सिले कपड़े से थैली बनाना सिखाया। मैं भी बाघ एवं हम हैं बदलाव गान, डांस के साथ करवाया गया। प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, स्पाट क्विज करवाया गया। प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम के अंत में पर्यावरण के संरक्षण के प्रति जागरूकता हेतु अनुभूति की शपथ ग्रहण करवाई गई।