पीएम श्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में भारत -समरस भारत विषय पर व्याख्यान रखा गया

हरदा । एवीबीपी द्वारा हरदा नगर के पीएम श्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में भारतीय संविधान के शिल्पकार, भारत रत्न बाबासाहेब डॉ. भीमराव आम्बेडकर जी के महापरिनिर्वाण दिवस पर एक भारत -समरस भारत विषय पर व्याख्यान रखा गया में जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्राध्यापक कार्य के प्रांत टोली के सदस्य एवं वरिष्ठ साहित्यकार आदरणीय प्रभु शंकर शुक्ल जी (पूर्व प्राचार्य) का एक भारत- समरस भारत विषय पर बौद्धिक रहा, एवम कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. अरुण कुमार सिकरवार सर ने की।
डॉ. प्रभुशंकर शुक्ल ने अपने बौद्धिक में कहा की डॉ अंबेडकर एक समाज सुधारक, विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, लेखक, बहुभाषाविद, मुखर वक्ता, विद्वान और धर्मों के विचारक थे. उनका जन्म वर्ष 1891 में महू, मध्य प्रांत (अब मध्य प्रदेश) में हुआ था. वह संविधान निर्माण की मसौदा समिति के अध्यक्ष थे. उन्हें ‘भारतीय संविधान का जनक’ माना जाता है और वह भारत के पहले कानून मंत्री थे. 6 दिसंबर, 1956 को उनका निधन हो गया था. चैत्य भूमि मुंबई में स्थित भीमराव अंबेडकर का स्मारक है. बाबा साहेब अम्बेडकर ने संवैधानिक मूल्यों के माध्यम से एक सामंजस्यपूर्ण भारतीय राष्ट्र की स्थापना करना चाहते थे. उन्हें अहसास था कि यदि समाज के अंतर्निहित विरोधाभासों से प्रभावी ढंग से नहीं निपटा गया तो संविधान के उच्च आदर्श अधूरे रह जाएंगे. संविधान निर्माता और सामाजिक न्याय के प्रतीक बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की शुक्रवार 6 दिसंबर को पुण्यतिथि है. इस अवसर पर अभाविप के जिला संगठन मंत्री आशीष शर्मा जी , विभाग छात्रा प्रमुख कु. लिसिका काले जी, नगर अध्यक्ष राजेश दीक्षित जी, नगर मंत्री दीपेश चौबे जी, महाविद्यालय अध्यक्ष उमंग लोहानी, महाविद्यालय मंत्री स्वाति ढाका, डोली, प्रिया, प्राची, प्रधुम्न पंवार, सुमित, निहार,संतोषी, प्रीति, आशुतोष, दक्ष, आदि उपस्थित रहे। वही महाविद्यालय के प्रमुख रूप से प्राध्यापकों में डॉ. सी पी गुप्ता,
बसन्त राजपूत ,दुर्गेश तेली, बलवान सिंग पंवार, चन्द्रकिशोर लोखंडे,दीपिका सेठे, अनिल कौशल, मनोज मालवीय, पूनम गुर्जर, सविता शुक्ला , पारस नाथ बेले, आदि उपस्थित रहे।