महाविद्यालय में निर्मित जैविक केंचुआ खाद का निरामया ब्रांड नाम से लॉन्च

हरदा । पर्यावरण शिक्षण कार्यक्रम अंतर्गत ईको क्लब एवं स्वामी विवेकानंद करियर गाइडेंस के संयुक्त तत्वावधान में अमृत जल एवं वर्मी कम्पोस्ट निर्माण प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन प्राचार्य डॉ.जे के जैन के मार्गदर्शन में किया गया। विज्ञान संकाय प्रभारी डॉ.सुनील बौरासी और ईको क्लब नोडल अधिकारी डॉ. सादिया पटेल ने यह प्रशिक्षण विद्यार्थियों को प्रदान किया । महाविद्यालय में खेती को रासायनिक दवाओं के दुष्प्रभाव से बचाने के लिए कीटनाशक अमृत जल तैयार करने का प्रशिक्षण दिया गया। यह पूरी तरह जैविक देशी तरीके से तैयार किया फसल जैव वर्द्धक है। अमृत जल से फसल, सब्जियों को कीट सहित विभिन्न रोगों से बचाया जा सकता है। इससे उत्पादन भी बढ़ता है। बड़ा फायदा यह है बिना अधिक खर्चे के कीटनाशक तैयार किया जा सकता हैं।
वर्मी कम्पोस्ट बनाने के लिए प्रशिक्षण भी दिया गया। खेतों में वर्मी कम्पोस्ट या केंचुआ खाद के इस्तेमाल से फसल की क्वालिटी और उपज दोनों ही अच्छी हो जाती है। साथ ही जमीन की उर्वरा शक्ति भी बढ़ जाती है। यह पौधों को मिलने वाले पोषक तत्वों को बढ़ाता है, जिससे बीज जल्दी अंकुरित होते हैं, तेजी से बढ़ते हैं, बेहतर जड़ प्रणाली विकसित होती है और अधिक उपज होती है।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के साथ ही ईको क्लब गतिविधि अंतर्गत तैयार शत प्रतिशत आर्गेनिक खाद “निरामया” ब्रांड नाम से प्रथम बार प्रदर्शन संरक्षक एवं संस्था प्राचार्य डॉ. जे के जैन द्वारा किया गया। इस खाद का उपयोग महाविद्यालय परिसर के उद्यान में किया जाएगा। इसकी न्यूनतम शुल्क पर बिक्री की योजना भी बनायी जायेगी। इस दौरान डॉ. महेन्द्र सिंह तड़वाल, डॉ. संजीत सोनी, धर्मेन्द्र जमरा दीपक मालाकार, विजेंद्र गुर्जर, अभिषेक नागपुरे, कांता प्रसाद नागरे, शीला खले, दीपक बांके, दीपक कटारिया, रामनारायण कुशवाह, भीमसिंह राजपूत, नीरज विश्वकर्मा एवं विद्यार्थी श्रीकृष्णा, फत्तूलाल, राजेश, राजकुमार, रितेश, प्रियंक, मोनिका, मोनूसिंह तथा अन्य उपस्थित रहे।